5 EASY FACTS ABOUT MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झ

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अकबर की सुबह के साथ, व्यापक पैमाने पर इमारतों का निर्माण शुरू हुआ। कई किले उसके द्वारा डिजाइन किए गए थे और सबसे प्रमुख आगरा का किला था। इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था। उनके अन्य गढ़ लाहौर और इलाहाबाद में हैं।

चाक्षुष मनु के चौथे पुत्र एवं जानन्तपति महाराजा अत्यराति के भाई का नाम पुर था। इनकी राजधानी एलबुर्ज पर्वत के निकट पुरसिया था। इन्हीं के नाम पर ईरान का नाम पर्शिया पड़़ा।

तीन अभिषिक्त साम्राज्य (६०० ई.पू.-१६०० ई.)

गुर्जर-प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट साम्राज्य

पश्चिमी क्षत्रप साम्राज्य (३५–४०५ ईसवी)

इसके अलावा तिब्बती इतिहासकार लामा तारानाथ द्वारा रचित बौद्ध ग्रंथों- कंग्यूर और तंग्यूर का भी विशेष ऐतिहासिक महत्त्व है।

साहित्य श्रेष्ठ ऐतिहासिक उपन्यास चित्रकूट का चातक

तक जोड़े जाते रहे हैं। आर्यमंजुश्रीमूलकल्प में बौद्ध दृष्टिकोण से here गुप्त राजाओं का वर्णन है। महायान से संबद्ध ललितविस्तर में बुद्ध की ऐहिक लीलाओं का वर्णन है। पालि की ‘निदान कथा’ बोधिसत्त्वों का वर्णन करती है। ‘विनय’ के अंतर्गत पातिमोक्ख, महावग्ग, चुग्लवग्ग, सुत विभंग एवं परिवार में भिक्खु-भिक्खुनियों के नियमों का उल्लेख है। प्रारंभिक बौद्ध साहित्य थेरीगाथा से प्राचीन भारत के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन की जानकारी तो मिलती ही है, छठी शताब्दी ई.पू. की राजनीतिक दशा का भी ज्ञान होता है।

मुहम्मद बिन तुगलक – इतिहास ने जिसे पागल घोषित कर दिया!

लॉर्ड इरविन ने वाइसराय के रूप में कार्य किया

) जैसे गणराज्यों ने भी सिक्के जारी किये थे। यौधेय शासकों द्वारा जारी ताँबे के हजारों सिक्के मिले हैं, जिनसे यौधेयों की व्यापार में रुचि और सहभागिता परिलक्षित होती है।

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मुहम्मद बिन तुगलक – इतिहास ने जिसे पागल घोषित कर दिया!

पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरनार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ से लेकर काँस्य युग तक फ़ैला हुआ है।

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